
आधुनिक कृषि की आवश्यकता – बायोस्टिमुलेंट्स
आज के आधुनिक कृषि युग में भोजन की उपलब्धता को सुनिश्चत करने और फसलों में बिना किसी नुकसान के उपज को बेहतर करने के लिये बायोस्टिमुलेंट्स बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है।
बायोस्टिमुलेंट्स पौधों की प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे वानस्पतिक विकास को बढ़ावा देने वाले पदार्थ होते है, जो उनकी वृद्धि, पोषक तत्वों का उपयोग, और विभिन्न तनाव सहनशीलता में सुधार करते है। ये उत्पाद पौधों को अजैविक तनाव जैसे ठंड, सूखा, और अधिक पानी से बचाने में मदद करते है।
विभिन्न प्रकार के बायोस्टिमुलेंट्स आज बाजार में उप्लब्ध है जिनमें से कुछ प्रकार निम्नलिखित है –
- विटामिन्स और अमिनो एसिड: ये पौधों की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
- ह्यूमिक और फुल्विक एसिड: ये मिट्टी की संरचना में सुधार करते है और पौधों की जड़ प्रणाली को मजबूत बनाते है।
- समुद्री शैवाल के अर्क: ये पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देते है और उन्हें विभिन्न तनाव से बचाते है।
- प्रोटीन हाइड्रोलाइसेट्स: ये पौधों की पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को बढ़ाते है।
बायोस्टिमुलेंट्स से होने वाले लाभ –
बायोस्टिमुलेंट्स से हमारी फसलों के लिये बहुत महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होते है, जिससे सीधे-सीधे उपज और मृदा संरचना पर प्रभाव पड़ता है।
- उत्पादकता में वृद्धि: बायोस्टिमुलेंट्स पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देते है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है।
- पोषक तत्वों का श्रेष्ठतर उपयोग: यह पौधों को पोषक तत्वों को अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित करने में मदद करते है।
- तनाव सहनशीलता: बायोस्टिमुलेंट्स पौधों को ठंड, सूखा, और अन्य अजैविक तनावों से बचाते है।
- मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: ये उत्पाद मिट्टी की संरचना और जैविक गतिविधियों को बढ़ावा देते है।
उपयोग के तरीके –
बायोस्टिमुलेंट्स का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है:
- फोलियर स्प्रे के माध्यम से: पौधों की पत्तियों पर स्प्रे किया जाता है।
- मिट्टी में उपयोग: बायोस्टिमुलेंट्स को सीधे मिट्टी में मिलाया जाता है।
- बीज उपचार: बीजों को बायोस्टिमुलेंट्स के साथ उपचारित किया जाता है।